चला था ढूंढने कागजों में जिन्दगी,
पुरानी डायरी के पीले पन्नों को देखा,
खुशियों की बहार थी जिन्दगी।
शब्दों में पिरोया करता था उसे,
जिसे माना था अपनी ज़िन्दगी।
वक़्त के रफ़्तार में चलते चलते,
अब कुछ खामोश है ज़िन्दगी।
ढूंढता रहा खोए लफ़्ज़ों को,
करता रहा उससे बंदगी।
अब कहा दिल ने यही,
बड़ी दिलचस्प कहानी है जिन्दगी।
लिखूं अब मैं कैसे!
कहूं अब मैं कैसे!
शब्दों से बाहर की कहानी है जिन्दगी।