पता है, अक्सर तुम याद आ जाते हो।
हर फूल की नरमी में, सूरज की तपती गर्मी में।
इन सरसराती हवाओं में, बादलों की हर छाओं में।
अक्सर तुम याद आ जाते हो।
पहली बारिश की बूंदों में, माटी की सोंधी खुशबू में।
रात की निखरी चांदनी में, सूरज की हर रौशनी में।
अक्सर तुम याद आ जाते हो।
पर्वत के ऊंचाइयों में, सागर के गहराईओं में।
किसी सोच के गलियारों में, नदी के हर किनारों में।
अक्सर तुम याद आ जाते हो।
मेरे लफ्ज़ के हर एक अल्फ़ाज़ में, किसी गजल के साज़ में।
हर शायर के शायरी में, मेरी वो पुरानी डायरी में।
अक्सर तुम याद आ जाते हो।
पता है, अक्सर तुम याद आ जाते हो।