हमारे प्रधानमंत्री जी की प्रत्येक यात्रा विशेष होती है, हालाँकि कुछ का कहना है कि वो अपने देश से ज्यादा विदेशों में अपना समय ब्यतीत करते है।
पर जो भी हो, उनके इस यात्रा से दुनिया के तमाम देश भारतीय मैत्री भावना के पवित्र खुशबु से सुगन्धित और आनंदित हुए है और इसके साथ साथ कूटनीति लेनदेन और सहयोग सम्बन्ध में भी सहायता मिली है।
खैर हमारे मोदीजी का इजरायल यात्रा काफी महत्वपूर्ण और बिशेष रहा। दो प्राचीन सांस्कृतिक देश के राष्ट्र्य अध्यक्ष का मिलना देख कर ऐसा लगा मानो बचपन के साथी बहुत दिनों बाद मिले। उनका ये मिलन देखकर समस्त लोकतान्त्रिक भावनाएं जरूर आनंदित हुई होंगी, शायद कुछ को छोड़कर।
विश्वबंधु हमारे मूल में है, और सर्वे भवन्तु सुखिनः हमारा धर्म है। संसार का प्रत्येक मनुष्य और राष्ट्र एक दूसरे से कुछ न कुछ सिख सकता है। आज हमें इजरायल से और इजरायल को हमसे बहुत कुछ सिखने की आवश्यकता है, इजराइल की शौर्यगाथा भारतीय बलिदानों की तरह ही अतुल्यं है।
इन दोनों देशो के सम्बन्ध संसार को उच्चतर मानवता का श्रेष्ठ अनुभव अवश्य कराएगा।
अच्छे और सच्चे मित्र मिलकर जनकल्याण के लिए कुछ भी कर सकते है और हम तो बस अच्छे दिन के चाहत की उम्मीद रखते है।