सुप्रीम कोर्ट ने कल यानी 22 अगस्त को मुस्लिम महिलाओं में पक्ष में एक बहुत बड़ा फैसला लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक़ पर 6 महीने के लिए रोक लगा दी है और केंद्र सरकार को इस पर कानून बनाने को कहा है।
ये फैसला मुस्लिम महिलाओं की बहुत बड़ी जीत है, पर इस लड़ाई की शुरुआत बहुत पहले हो चुकी थी जब शाहबानो को उनके पति मोह्हमद अहमद खान ने 1978 को उन्हें तलाक़ दिया था।
तलाक़ के वक़्त शाहबानो के 5 बच्चे थे, और इनके पालन पोषण के लिए निचली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया पर उस समय मुश्लिम समाज के लगभग सारे पुरुष इस फैसले के खिलाफ थे।
सुप्रीम कोर्ट ने जब शाहबानो के पति अहमद खान(जो की पेशे से वकील थे) से पूछा की आखिर वो भरण पोषण भत्ता क्यों नहीं देना चाहते तो उनका जवाब था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत तलाकशुदा महिलाओं को उम्रभर भरण पोषण भत्ता देने का कोई प्रवधान नहीं है।
पर जो भी हो, देर आए दुरुश्त आए। सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले से मुश्लिम महिलाओं को बहुत बड़ी राहत मिली है।
